“बोईसर की फार्मा कंपनी पर नशे का कारोबार करने का आरोप, अफ्रीका में अवैध दवाओं की सप्लाई का खुलासा!”
बोईसर की फार्मा कंपनी पर अवैध नशीली दवाओं के निर्यात का आरोप

इन दवाओं को पश्चिमी अफ्रीका के घाना, नाइजीरिया और कोट डी’वॉयर में अवैध रूप से बेचा जा रहा है, जहां यह स्थानीय युवाओं के लिए नशे का जरिया बन गई हैं। बीबीसी की टीम ने इन दवाओं के पैकेट्स घाना और नाइजीरिया की सड़कों पर खुलेआम बिकते हुए पाए, जिन पर एवियो फार्मास्युटिकल्स का लोगो था।
बीबीसी के अंडरकवर ऑपरेशन में कंपनी के निदेशक विनोद शर्मा को यह स्वीकार करते हुए रिकॉर्ड किया गया कि ये दवाएं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, लेकिन फिर भी इनका कारोबार चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि दो-तीन गोलियां एक साथ लेने से व्यक्ति नशे में आ सकता है।
स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग
इस खुलासे के बाद, नाइजीरिया के नेशनल ड्रग लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी (NDLEA) ने चिंता जताई है और इसे देश के युवाओं के लिए बड़ा खतरा बताया है। बोईसर और पालघर के स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एफडीए और पुलिस से इस मामले की गहन जांच की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं भारतीय बाजार में भी यह नशीली दवाएं न बिक रही हों।
एवियो फार्मास्युटिकल्स ने किया आरोपों का खंडन
दूसरी ओर, एवियो फार्मास्युटिकल्स ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है। कंपनी का कहना है कि वे सभी सरकारी नियमों और मानकों का पालन करते हैं, और कोई भी अवैध दवा उनके द्वारा निर्मित नहीं की जाती। उनका दावा है कि कुछ अवैध कंपनियां उनके ब्रांड नाम और लोगो का दुरुपयोग कर रही हैं, और उन्होंने इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्या होगी कार्रवाई?
अब यह देखना होगा कि भारतीय औषधि प्रशासन (FDA) और पुलिस विभाग इस मामले की जांच में कितनी गंभीरता दिखाते हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के लिए बड़ी बदनामी साबित हो सकती है।